श्रीझाडखण्डनाथ तीर्थ स्थली की सीमा का मुख्य प्रवेष द्वारः-
यह स्थान वर्तमान मेन संडक की क्यून्स रोड के नाम से पहचानी जाने वाली रोड से पूर्व दिशा में एक पक्की सडक से होता हुआ एकान्त में है। मंदिर सीमा का मुख्य प्रवेश द्वार ऊतर दिषा कि दिवार में है जो पूर्व में स्थित बगीचे के बीच में तथा उत्तर दीवार में है। यह तीन भागों में बना है। एक बडा प्रवेश द्वार दो पल्ले का लोहे के बने हुए है तथा बडे द्वार के साथ ही है। इस प्रवेश द्वार के पूर्व में चौकीदार के लिए एक कमरा बनाया गया है तथा इसके विपरित उत्तर दीवार में वर्तमान में तीन दुकाने व एक छोटा कमरा बना हुआ है।
बगीचाः-
बगीचा पूर्व दिशा में बना है इस बगीचे को चारों दिशाओं से पक्की दीवार बना कर, कवर करके इसका प्रवेश द्वार पष्चिम दिशा की दीवार में मंदिर सीमा में रखा गया है। बगीचे में सुगन्धित पुष्प व छायादार वृक्ष लगा कर वातावरण को मनमोहक बनाया है।
पार्किगः-
यह बगीचे के पष्चिम व मंदिर के मध्य में खुले स्थान के रूप में है। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार भी इसी भाग में है यह स्थान त्यौहारों में दुकानों को लगाने का स्थान बना दिया जाता है। वैसे आम दिनों में यह स्थान पार्किग के काम में लिया जाता है। इसी स्थान के दक्षिण दिशा में सवामणी के लिए स्थान बनाया गया है। यह स्थान ही राजागोपुरम् के अन्दर से होते हुए मंदिर के गर्भग्रह मे जाता है।
शिव पार्वती मंगल कार्यालय व उमा महेष मंगल कार्यालय :-
यह स्थान सवामणी उद्यान के पष्चिम में है । यह स्थान मुख्य प्रवेष द्वार से उत्तर दिशा वाली दिवार में बना है उस के ठीक सामने दक्षिण दिषा में स्थित है यहां मुख्य त्यौहारों पर झुले व खाने पीने व अन्य स्टालों को लगाने की व्यवस्था रहती है इस स्थान के आंतरिक भाग में अमृत ष्लोक लिखे हुऐ है।